दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर एक जनहित याचिका (पीआईएल) ने बढ़ते कोरोनावायरस मामलों के मद्देनजर राष्ट्रीय राजधानी में "सख्त तालाबंदी" करने की मांग की है। यह दलील ऐसे समय में आई है जब दिल्ली सरकार ने 31 जुलाई तक मामलों को 5.5 लाख करने का अनुमान लगाया है।
इस बीच, दिल्ली के अस्पतालों से भी भयावह चित्र उभर रहे हैं।
इंडिया टीवी की एक जाँच ने COVID-19 रोगियों को समर्पित अस्पताल से दर्दनाक दृश्य सामने लाए। शवों को मरीजों के बिस्तर के पास पड़ा देखा गया। वीडियो में रोगियों को बिना नमकीन ड्रिप के भी लावारिस दिखाया गया है।
गंभीर दृश्य दिल्ली के स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचे पर गंभीर चिंता पैदा करते हैं जो कि उखड़ जाती है, खासकर ऐसे समय में जब केजरीवाल सरकार ने खुद दावा किया है कि मामले जल्द ही आसमान छू लेंगे।
इससे पहले बुधवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने राष्ट्रीय गृह में सीओवीआईडी -19 की स्थिति पर चर्चा करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि शाह ने उन्हें कोरोनोवायरस के खिलाफ लड़ाई में सभी सहयोग का आश्वासन दिया।
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